रचनाएँ
बीजक (साखी, शब्द,रमैनी)भाव पक्ष-
1. निर्गुण ब्रह्म की उपासना- कबीर भक्ति काल के निर्गुण ज्ञानमार्गी शाखा के कवि हैं। उन्होंने परमात्मा के निर्गुण स्वरूप का वर्णन अपने काव्य में किया है। उनका राम निर्गुण निराकार है।इसीलिए उन्होंने मूर्ति पूजा का विरोध किया है। वे कहते हैं-" पाहन पूजे हरि मिले तो मैं पूजूँ पहार।
ताते चाकी भली पीस खाए संसार।।
2. प्रेम भावना एवं भक्ति- कबीरदास जी ने ज्ञान को श्रेष्ठ बताया है। उनका ज्ञान निर्गुण ब्रह्म के प्रेम से ओत- प्रोत है। उन्होंने कहा है-
पोथी पढ़- पढ़ जग मुआ भया न पंडित कोय।
ढाई आखर प्रेम का पढ़ै सो पंडित होय।।
3. रहस्यवाद- कबीरदास जी का साहित्य रहस्यों से भरा है। उन्होंने जीव और ब्रह्म के संबंधो को अनेकों प्रकार से वर्णन किया है।
यथा- दुलहिन गावहुँ मंगलचार तोको पीउ मिलेंगे।
4. समाज सुधार एवं नीति परक रचना- कबीर दास के साहित्य में समाज में व्याप्त अंधविश्वास, छुआछूत,वर्ग भेद, जाति- पाँति का खुलकर विरोध किया है। इन्होंने सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए नीति पूर्ण उपदेश भी दिया है। जैसे-
ऊँचे कुल क्या जनमियाँ, जे करणी ऊँच न होइ।
सोवन कलश सुरै भरया, साधू निंद्या सोई।।
कला पक्ष-
भाषा - कबीरदास जी की भाषा पूर्वी जनपद की भाषा है। इसे सधुक्कड़ी भाषा भी कहा जाता है। आपकी भाषा सीधी, सरल और व्यवहारिक है। आपकी भाषा में अरबी, फ़ारसी, राजस्थानी, अवधी एवं ब्रज भाषा आदि के मिलने से वह खिचड़ी बन गई है।अलंकार विधान- आपकी रचनाओं में अलंकारों का स्वाभाविक प्रयोग हुआ है। आपके काव्य में रूपक, अनुप्रास, उपमा, अतिशयोक्ति , अन्योक्ति, उत्प्रेक्षा , यमक एवं दृष्टान्त आदि अलंकारो का प्रयोग हुआ है।
छंद योजना-
आपने मुक्त छंद का प्रयोग किया है। आपकी रचनाओं में दोहा, चौपाई, पद आदि छन्दों का विधान सहज ही दृष्टिगोचर होता है। इसके अतिरिक्त इनकी कुछ रचनाओं में कहरवा छंद का प्रयोग हुआ है।
Sar B.A 1year me sahity Hindi ke sabhi chepatro ko dhalo
ReplyDeleteHii bil kul
Deleteयहां सिर्फ 10वीं 12वीं के लिए है किंतु हमें सेकंड ईयर में 20 अंक के लिए चाहिए था
ReplyDelete12 ke liye cahiye tha
ReplyDelete12th ke liye chahiye
ReplyDeleteThanks for this it help me a lot i love this website.
ReplyDeleteNice sir
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteJai hind orr dhalo sir ese hi
ReplyDelete𝙹𝚊𝚒 𝚑𝚒𝚗𝚍
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteThanks Google
ReplyDeleteOsm
ReplyDeleteThank you so much-jo aapne kabirdas ji ka lekhak parichay dala. It's very useful in my project. Once again thank you so much 😘
ReplyDeleteThank u sir very help full
ReplyDeleteThank you so much sir
ReplyDeleteGood my help
ReplyDeleteThank for giving answer
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