जीवन परिचय
हिन्दी साहित्य के महान लेखक,देशभक्त,सम्पादक श्री रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के बेनीपुर गाँव में सन् 1902 ई. को एक किसान परिवार में हुआ था।
रचनाएँ-
निबंध- गेंहूँ बनाम गुलाब, मशाल, वन्दे वाणी विनायकौ
संस्मरण- जंजीरें और दीवारें
कहानी- चिता के फूल
उपन्यास- पतितों के देश में
भाषा-शैली
भाषा -
बेनीपुरी जी की भाषा सरल,शुध्द, साहित्यिक खड़ी बोली है। आपने तत्सम, देसज,और विदेशी सभी प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया है । आपकी भाषा में ओजगुण विद्यमान है। शब्दों के लाक्षणिक एवं व्यंजनात्मक प्रयोग ने भाषा को गभीरता प्रदान की है। आपकी भाषा में लोकोक्ति एवं मुहावरों के प्रयोग से सजीवता आ गई है।
शैली-
आपकी रचनाओं में निम्नांकित शैलियाँ दिखाई पड़ती हैं -
1 वर्णात्मक शैली - बेनीपुरी जी ने इस शैली में रेखाचित्र , संस्मरण, यात्रा वृतांत एवं जीवनी आदि की रचना की है।
2 आलोचनात्मक शैली - आपने समीक्षा के समय आलोचनात्मक शैली का प्रयोग किया है।
3 चित्रोपम शैली - इस शैली का प्रयोग रेखाचित्र में दिखाई पड़ता है । यत्र - तत्र कहानी तथा निबंध में भी इस शैली के दर्शन किए जा सकते है।
4 भावात्मक शैली - बेनीपुरी जी ने इस शैली का प्रयोग अपने ललित निबंधों में सर्वाधिक किया है।
5 प्रतीकात्मक शैली - बेनीपुरी जी अपने विचारों को प्रतीकात्मक शैली में प्रस्तुत करने में सिध्दस्त हैं । नींव की ईंट , गेहूँ और गुलाब , निबन्ध इसी शैली में लिखे गए हैं ।
साहित्य में स्थान -
स्वतंत्रता सेनानी, महान निबंधकार, प्रसिध्द रेखाचित्रकार, आलोचक, श्रेष्ठ नाट्यशिल्पी रामवृक्ष बेनीपुरी का हिंदी साहित्य में श्रेष्ठ स्थान है।
सब कुछ गगल ही लिखे हैं तो कौन पढेंगा
ReplyDeleteBetter than other
ReplyDeleteBadiya
ReplyDeleteBadiya
ReplyDeleteMujhe to bcha liya
Kiuki mere pass kitabb nhi thi
Mast
ReplyDeleteWell 👌ok
ReplyDelete