सेठ गोविंददास
रचनाएं -
1. कर्तव्य (नाटक )
2. पंचभूत (एकांकी संग्रह)
3. गरीबी और अमीरी ( नाटक )
1. कर्तव्य (नाटक )
2. पंचभूत (एकांकी संग्रह)
3. गरीबी और अमीरी ( नाटक ) भाषा-शैली-
भाषा- सेठ गोविंददास मुख्यतः नाटककार हैं। आपकी भाषा शुध्द साहित्यिक खड़ी बोलीहै। भाषा भाव,विषय एवं पात्रानुकूल है । आपकी रचनाओं में तत्सम शब्दों के साथ-साथ, तदभव,देशज एवं उर्दू आदि शब्दों का सुन्दर समावेश हुआ है। चित्रोपमता, सजीवता एवं प्रवाहशीलता आपकी भाषा की प्रमुख विशेषता है ।
शैली- सेठ गोविन्ददास जी की शैली शिल्प और भाव प्रधान है । इन्होने मुख्यतः नाट्यशैली का प्रयोग किया है। आपकी नाटकों में चरित्र-चित्रण और संवाद की गतिशीलता के दर्शन सहज ही किए जा सकते हैं।
भाषा- सेठ गोविंददास मुख्यतः नाटककार हैं। आपकी भाषा शुध्द साहित्यिक खड़ी बोलीहै। भाषा भाव,विषय एवं पात्रानुकूल है । आपकी रचनाओं में तत्सम शब्दों के साथ-साथ, तदभव,देशज एवं उर्दू आदि शब्दों का सुन्दर समावेश हुआ है। चित्रोपमता, सजीवता एवं प्रवाहशीलता आपकी भाषा की प्रमुख विशेषता है ।
शैली- सेठ गोविन्ददास जी की शैली शिल्प और भाव प्रधान है । इन्होने मुख्यतः नाट्यशैली का प्रयोग किया है। आपकी नाटकों में चरित्र-चित्रण और संवाद की गतिशीलता के दर्शन सहज ही किए जा सकते हैं।
साहित्य में स्थान-
सेठ गोविन्ददास गाँधीवादी थे। विचारों की उच्चता, आचरण की पवित्रता और जीवन की सादगी आपके व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषता है । प्रसिद्ध नाटक और एकांकीकार राष्ट्रीयचेतना के सर्जक के रूप में आपका स्थान महत्वपूर्ण है।
सेठ गोविन्ददास गाँधीवादी थे। विचारों की उच्चता, आचरण की पवित्रता और जीवन की सादगी आपके व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषता है । प्रसिद्ध नाटक और एकांकीकार राष्ट्रीयचेतना के सर्जक के रूप में आपका स्थान महत्वपूर्ण है।
very usful
ReplyDeleteManisha jatav
ReplyDeleteजय जाट
ReplyDelete