Tuesday, December 19, 2017

हरिकृष्ण 'प्रेमी'

हरिकृष्ण 'प्रेमी' 

रचनाएँ - 

1.  बन्धन  (नाटक )
2. बादलों के पार  (एकांकी )
3. रक्षाबंधन  ( नाटक ) 

भाषा-शैली- 

भाषा- हरिकृष्ण 'प्रेमी' सफल नाटककार हैं। आपकी भाषा शुध्द साहित्यिक खड़ी बोली है। आपने अवसर, पात्र, विषय आदि के अनुरूप भाषा का सटीक प्रयोग किया है । आवश्यकतानुसार  आपने अपनी रचनाओं में तत्सम शब्दों के साथ-साथ, तदभव,देशज एवं उर्दू  आदि शब्दों का सुन्दर समावेश किया है। संप्रेषणशीलता आपकी  भाषा की प्रमुख विशेषता है । 

शैली- हरिकृष्ण 'प्रेमी जी ने विविध शैलियों का प्रयोग किया है । इन्होने मुख्यतः गीत नाट्यशैली का सफल प्रयोग किया है। इसके अतिरिक्त संवाद शैली, भावात्मक शैली का भी अपने नाटकों में प्रयोग किया है। 'प्रेमी' जी के नाटकों में स्वच्छंदतावादी शैली का  सयमित एवं अनुशासित प्रयोग हुआ है।  

साहित्य में स्थान-

 'प्रेमी' जी ने राष्ट्रीय मूल्यों की प्रतिष्ठा, त्याग, तपस्या, सेवा, बलिदान एवं सामाजिक चेतना  के लिए ऐतिहासिक और सामाजिक  नाटकों का प्रणयन किया। मानवीय प्रेम और देशभक्ति की रसानुभूति करने वाले हिन्दी के नाटककारों में हरिकृष्ण 'प्रेमी जी का विशिष्ट स्थान है ।  

3 comments:

  1. 𝕧𝕖𝕣𝕪 𝕟𝕚𝕔𝕖

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  2. Please improve ui and matter i want this for my hindi project if i write in it like this i will get 0 for sure

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