Wednesday, December 20, 2017

महादेवी वर्मा


महादेवी वर्मा 

रचनाएँ 

1.यामा ( काव्य, ज्ञानपीठ से पुरस्कृत रचना )
2. नीहार ( काव्य)
3. अतीत के चलचित्र ( संस्मरण)

 भाव -पक्ष - 

महादेवी वर्मा वेदना की कवियत्री हैं।  इनके काव्य का प्रमुख स्वर करुणा और वेदना है।  इनका काव्य संगीतमय है।  अत्यन्त मधुर है। इनकी  रचनाओं में रहस्यवाद की झलक दिखाई पड़ती है।  कवियता भाव प्रधान है।  पढ़ने से पाठक का अंतर्मन अविभूत हो उठता है। आपकी कविताएँ पाठक को जीवनपथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। आपके काव्य में करुण और शांत रस की प्रधानता है।   

कला -पक्ष 

'महादेवी वर्मा' जी ने प्रारंभ में ब्रज भाषा में कविताएँ लिखी हैं।  बाद में खड़ी बोली में काव्य रचना की है।  आपकी भाषा सरस,सुकोमल और परिमार्जित है। मुहावरों के प्रयोग से भाषा सुंदर और प्रभावशाली बन गई है।       
आपकी छंद योजना विषयवस्तु के अनुकूल है।  आपकी रचनाओं में अलंकार का स्वाभाविक प्रयोग हुआ है।  अनुप्रास, उपमा, रूपक और विरोधाभास प्रमुख अलंकार हैं।  आपकी रचनाओं में सामासिक पदों की छटा भी दृष्टव्य है। 

साहित्य में स्थान - 

'महादेवी वर्मा' छायावाद की प्रतिनिधि कवियत्री हैं।  आपके काव्य में रहस्यवाद  का भी समावेश हुआ है।  महादेवी वर्मा कवियत्री के साथ-साथ कुशल लेखिका भी हैं।  हिन्दी साहित्य जगत में वेदना की प्रतिमूर्ति और 'आधुनिक काल की  मीरा'  के रूप में आपका स्थान अग्रगण्य है।       


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