जयशंकर प्रसाद
रचनाएँ -
1. कामायनी ( महाकाव्य )
2. करुणालय ( गीत नाट्य )
3. कंकाल ( उपन्यास )
भाव पक्ष -
प्रसाद जी का भाव क्षेत्र व्यापक है । उनके भाव पक्ष को निम्न बिंदुओं में प्रस्तुत किया जा सकता है -
1. प्रेम एवं सौंदर्य का चित्रण - प्रसाद जी मुख्यतः प्रेम और सौन्दर्य के उपासक हैं । प्रसाद जी द्वारा व्यक्त सौंदर्य में बाह्य और आंतरिक सौंदर्य का अद्भुत सामंजस्य है । कामायनी का यह उदाहरण देखिए -
घिर रहे थे घुँघराले बल अंस अवलंबित मुख के पास ,
नील घनशावक -से सुकुमार सुधा भरने को विधु के पास ।
2. नारी के प्रति सम्मान का भाव - प्रसाद जी की रचनाओं में नारी के प्रति श्रध्दा एवं सम्मान के भाव है ।
3. अनुभूति की गहनता - प्रसाद जी के काव्य में अनुभूति की गहनता विद्यमान है । आंसू का यह प्रसंग दृष्टव्य है।
"रो -रो कर सिसक-सिसक कर ,
कहता मैं करुण कहानी ,
तुम सुमन नोचते सुनते,
करते जाते अनजानी । "
इसके अतिरिक्त आपकी रचनाओं में कल्पना का अतिरेक , रहस्यवाद , दार्शनिक चिंतन तथा वेदना की अभिव्यक्ति के स्वर समाहित हैं ।
कला पक्ष-
1. भाषा - प्रसाद जी के काव्य की भाषा संस्कृतनिष्ठ, व्याकरण सम्मत , परिष्कृत एवं परिमार्जित खड़ी बोली है । आपने प्रथम काव्य संग्रह 'चित्राधार' की रचना ब्रज भाषा में की है । इसके बाद समस्त काव्य रचना शुध्द ,साहित्यिक खड़ी बोली में किया है ।
2. अलंकार - प्रसाद जी की रचनाओं में अलंकारों का प्रचुर मात्रा में प्रयोग किया है । आप सहज एवं स्वाभाविक अलंकार योजना के पक्षधर हैं । आपके काव्य में उपमा , रूपक, मानवीकरण , विशेषण विपर्यय आदि अलंकारों का आकर्षक प्रयोग हुआ है ।
3. छंद योजना - प्रसाद जी ने काव्य रचना का प्रारंभ सवैया एवं कवित्त छंदों से किया किन्तु बाद में आपने गीत- शैली एवं अतुकांत छंद में काव्य रचना की । आपने नवीन छंदों का निर्माण भी किया ।
साहित्य में स्थान
भाव पक्ष एवं कला पक्ष की दृष्टि से प्रसादजी का काव्य उच्चकोटि का है । आपके काव्य में इतिहास , दर्शन एवं कला का मणिकांचन संयोग देखा जा सकता है । छायावाद के जनक जयशंकर प्रसादजी का हिंदी साहित्य के आधुनिक रचनाकारों में विशिष्ट स्थान है ।
Very Simple and very good
ReplyDeleteJayshankar prsanf
ReplyDeleteVery simple
ReplyDeleteThnq so much
ReplyDeleteगोमती प्रसाद के भाव पक्ष और कला पक्ष की विशेषताएं बता दो सर जी बहुत जरूरत है मेरे को
ReplyDeleteNyc sir
ReplyDeletevery goood
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeletearyaexams
aryahindi
जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय
ReplyDelete8085
ReplyDeleteNice sir you are a grate
ReplyDeleteNice post
ReplyDeleteAlso read:-
जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय क्लास 9th to 12th